बस्तीः कोरोना वायरस यानी कोविड 19 से फैली महामारी 100 करोड़ भारतीयों के लिये विपत्ति है और भारतीय जनता पार्टी के लिये अवसर। यही कारण है कि केन्द्र व प्रदेश सरकारें इस वैश्विक महामारी को राजनीतिक अवसर में बदलने में जुटी हैं। यह बातें वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पीसीसी सदस्य प्रेमशंकर द्विवेदी ने कहा। उन्होने कहा नोटबंदी की तरह बगैर किसी होमवर्क के हडबड़ाहट में 4 घण्टे की नोटिस पर लिया गया लाकडाउन का फैसला जो देशवासियों को राहत दिलाने के लिये लिया गया था, महान विपत्ति बन गया। नतीजा ये है कि देश अब तक का सबसे बड़ा पलायन देख रहा है।
इसमे अनेकों ऐसे परिवार होंगे जो बुरी तरह टूट जायेंगे, उनकी गृहस्थी दोबारा बस नही पायेगी। जिस तरह नोटबंदी अपने उद्देश्यों में सफल नही रही उसी तरह लाकडाउन की मंशा भी ध्वस्त हो गयी। इतने बड़े पलायन में तमाम प्रयासों के बावजूद न तो दो गज की दूरी का पालन हुआ और न ही सरकार संक्रमण रोक पायी, अलबत्ता इस अविवेकपूर्ण फैसले की सजा पूरा देश भुगत रहा है, जितने लोगों को कोरोना वायरस लील गया उससे ज्यादा प्रवासी मजदूरों को हादसे निगल गये।
हैरान करने वाली बात ये है कि भाजपा सरकारें पलायन के दौरान अथवा भूख से मरने वालों को न तो उचित आर्थिक मदद दे रही है और न ही असमय मरने वालों के प्रति कोई संवेदना ही दिखाई दे रही है। तभी तो लाखों प्रवासी मजदूरों पर लाकडाउन का फैसला थोप कर सरकार उन्हे आग की तरह जलती सड़कों पर मरने और भूख से तड़पने को छोड़ दिया गया। सरकार नोटबंदी का डैमेज भी नही कण्ट्रोल पाई और लाकडाउन का डैमेज भी कण्ट्रोल नही कर पायेगी। निःसंदेह निर्दोष, बेबस, लाचार प्रवासी श्रमिकों ने जो वेदना सही है उसका खामियाजा सत्ता प्रतिष्ठानों को भुगतना पड़ेगा।