नई दिल्लीः कल का दिन भारत के लिये ऐतिहासिक होगा। कल सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में निर्भया के गुनहगार फांसी पर लटकाये जायेंगे। गुनहगार बचने की कई कोशिशें कर चुके हैं। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने गुरुवार को निर्भया के सभी दोषियों को याचिका खारिज कर दी है। निर्भया के दोषियों को कल सुबह साढ़े 5 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा।
इससे पहले निर्भया में दोषी मुकेश की चाल भी काम नहीं आई। सारे रास्ते बंद हो चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया। कहा कि दोषी अपने सारे कानून उपचारों का इस्तेमाल कर चुका है. बता दें, उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर फांसी पर रोक की मांग की थी. मुकेश ने अपनी अर्जी में मांग की थी कि फांसी से पहले उसे किसी भी कोर्ट में याचिका दाखिल करने की इजाजत दी जाए। मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि उसके साथ निष्पक्ष न्याय नहीं हुआ। साथ ही कहा था कि घटना के वक्त वो दिल्ली में मौजूद नहीं था बल्कि राजस्थान में था. मुकेश ने अपनी याचिका में डीएनए और आयरन रॉड दोनों ही थ्योरी पर सवाल उठाए थे।
साथ ही कहा था कि इस मामले के दस्तावेज़, रिकॉर्ड और रिपोर्ट सीबीआई से जांच कराई जाए और कोर्ट उन्हें मंगाए। सुप्रीम ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता ने केस की मेरिट पर सवाल उठाए हैं यानी अभियुक्तों की चिकित्सा स्थिति के बारे में सबूतों पर कोई विचार नहीं किया गया। उसने करोली से आरोपी की गिरफ्तारी का संदेह जताया है। याचिकाकर्ता द्वारा सभी अवसरों और अपील की प्रक्रिया को पूरा करने के बाद, इस अदालत में दायर आपराधिक अपील को लम्बे समय तक सुना गया। आरोपी द्वारा उठाए गए सभी बिंदुओं पर विचार किया गया और अपील खारिज कर दी गई। अपील, पुनर्विचार और क्यूरेटिव याचिका खारिज की गईं। हमें अब इस जनहित याचिका के तहत मामले को दोबारा खोलने के लिए कोई आधार नहीं दिखता।