यौन हिंसा पर मुखर हुआ पूर्वांचल विद्धत परिषद


बस्तीः देशभर में महिलाओं संग हो रही यौन हिंसा के विरोध में व्यवस्था में आवश्यक परिवर्तन की मांग को लेकर पूर्वांचल विद्वत परिषद के अध्यक्ष राजेन्द्रनाथ तिवारी ने प्रधानमंत्री को सम्बोधित 7 सूत्रीय ज्ञापन अपर जिलाधिकारी को सौंपा। ज्ञापन में बलात्कार मामलों की सुनवाई 6 माह में पूरी किये जाने, आरोपियों को नपुंसक बनाकर छोड़ देने, सरेआम फांसी की सजा दिये जाने, दूसरे देशों के कानून का अध्ययन कर यौन अपराधों पर घृणात्मक कानून बनाने तथा बलात्कार के आरोपी का सामाजिक बहिष्कार किये जाने की मागें प्रमुखता से उठाई गयी हैं। पूर्वांचल विद्वत परिषद के अध्यक्ष के अध्यक्ष ने कहा कि देशभर में ताबड़तोड यौन हिंसा की घटनाओं से आम जनमानस गुस्से में है। जनता अदालतों में लम्बी अवधि तक बलात्कार से जुड़े मामलों के लम्बित रहने पर सवाल उठा रही है।


यहां तक कि दुष्कर्म के आरोपियों को जनता के हवाले किये जाने की मांग उठ रही है। इससे आमजनमानस में पनप रहे गुस्से का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होने कहा बेहतर होगा यदि समय रहते आवश्यक पहल करके कठोर कानून बने और मामलों का समयबद्ध निस्तारण हो जिससे देश में महिलायें सम्मान के साथ जीवन जी सकें और देश के विकास में उनकी योग्यता क्षमता का वास्तविक लाभ मिले। ज्ञापन सौंपते समय प्रेस क्लब अध्यक्ष विनोद कुमार उपाध्याय, डा. रामनरेश सिंह मंजुल, डा. रामकृष्ण लाल जगमग, अशोक श्रीवास्तव, राकेश तिवारी, त्रिभुवन मिश्र, अजय पाल, सतेन्द्र सिंह भोलू आदि उपस्थित थे।