बस्तीः (लवकुश यादव) वाल्टरगंज थाना क्षेत्र में दिवाली की रात हुये गम्मज हत्याकांड में पुलिस की लचर कार्यशैली से नाराज पीड़ित के परिजन सैकड़ों महिलाओं और समर्थकों के साथ चन्द्रप्रकाश के साथ पुलिस आफिस पहुंच गये और प्रदर्शन करने लगे। दरअसल मामले में पुलिस का हर दांव उल्टा पड़ता नज़र आ रहा है।
मामले में पकड़े गये अभियुक्तों से जनेऊ उतरवाकर पूछताछ किये जाने के कथित आरोपों से पुलिस उबर नही पाई थी कि अब गम्मज के परिजन भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। दरअसल अभियुक्त की जनेऊ उतरवाने की खबरें वायील होने के बाद ब्राह्मण समाज आन्दोलित था, 25 नवम्बर को सैकड़ों की संख्या में विरोध में नग्न प्रदर्शन को सड़क पर उतरे ब्राह्मण समाज के लोगों को मामले की एसआईटी जांच का आश्वासन देकर किसी तरह शांत कराया गया। लखनऊ से आई टीम मामले की जांच कर रही है। परिजनों का अरोप है कि वे पूछताछ के दौरान बडी उत्तेजित भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। साथ ही विपक्षी के यहां बैठकर चाय पानी पी रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर गम्मज के भाई ने हत्याकांड की जांच स्थानीय स्तर कराने की मांग किया है। उनका कहना है कि जिस असलहे से गोली चली वह अभियुक्तों की निशानदेही पर बरामद किया गया, जिस बोर का असलहा बरामद हुआ उसी बोर की गोली मृतक गम्मज के शरीर से मिली। मृतक का बयान स्वयं एक मजबूत साक्ष्य है जिसकी अनदेखी नही की जा सकती। ऐसे में एसपी हेमराज मीणा एसआईटी जांज की सिफारिश किस बुनियाद पर कर रहे हैं। गम्मज के भाई चन्द्रप्रकाश के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीणों के अचानक पुलिस आफिस पुहचने पर अफरा तफरा की स्थिति देखी गयी। इस दौरान पीड़ित परिजनों ने चेतावनी देते हुये कहा है कि प्रकरण में किसी तरह की फेरबदल की गयी तो वे आत्मदाह कर लेंगे।