संतकबीर नगरः इस बिल्डिंग को देखकर डरिये नहीं। इसमें भूत पिशाच नही बल्कि कुछ हिम्मतवाले लोग रहते हैं। यह सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का दफ्तर है। बिलकुल लावारिस। देखने से ऐसा लगता है कि निर्माण के बाद से आज तक इस बिल्डिंग का रंग रोगन नही हुआ। साफ सफाई का बुरा हाल है। नतीजा ये है कि छत पर पीपल, पाकड़, बरगद के पेड़ उग आये हैं। यदि यह भवन कचहरी जैसे व्यस्त इलाके में नही होता तो इसमें कोई जाने की हिम्मत नही करता। लेकिन दिनभर वकीलों, फरियादियों का आना जाना रहता है इसलिये यहां के स्टाफ अपना समय किसी तरह काट लेते हैं।
यहां से समाचार आदि भेजने का तो चलन ही नही है। यहां सिर्फ बिल्डिंग ही नही यहां स्टाफ भी लावारिस हैं। यहां जिला सूचना अधिकारी के पद पर पूर्व में तैनात प्रभाकर त्रिपाठी का प्रमोशन के बाद बस्ती तबादला हो गया। बताया जा रहा है कि कलेक्ट्रेट में तैनात संख्या अधिकारी अजय कुमार श्रीवास्तव को प्रभार दिया गया है, वे केवल हस्ताक्षर करते हैं। उनसे यहां की व्यवस्था और सुविधाओं से कोई लेन देना नही है। भवन के सामने बना पोर्च कभी भी जमींदोज हो सकता है।
भगवान करे यह जब भी गिरे रात में गिरे, वरना दिन में गिरा तो कुछ लोगों की जान ले लेगा क्योंकि इसके नीचे कुछ लोग बैठे रहते हैं। बताया गया कि नये भवन के लिये जगह ले ली गयी है, करीब तीन करोड़ से सुविधाजनक सूचना कार्यालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां तैनात कर्मचारियों के लिये यह दिवास्वप्न से कम नही है लेकिन इस प्रस्ताव के जमीन पर उतरने का सभी को इंतजार है। यहां यह कहना जरूरी है कि देखरेख और रंगरोगन के अभाव में तीन नही 100 करोड़ का भवन भी कुछ ही सालों में इसी शक्ल में नजर आने लगेगा जैसे यह दिख रहा है।